चाँद पर शायरी – Chand Shayari in Hindi – मून शायरी

Chand Shayari in Hindi – जब किसी व्यक्ति को मोहब्बत हो जाती है तो उसको अपने महबूब में चाँद नज़र आता है और वह चाँद पर अच्छी ाची शायरी खोजने लगते है अगर आपको भी किसी से प्यार / मोहब्बत हो गई है आप भी चाँद पर हिंदी शायरी खोज रहे है तो आप हमरे इस पोस्ट के माध्यम से पा सकते है | यहाँ हमने आपको चाँद पर शायरी इन हिंदी, Moon Shayari in Hindi का बेहतरीन संग्रह पेश किया है जिसे आप अपने महबूब के साथ व्हाट्सप्प फेसबुक आदि पर शेयर कर सकते है |

चाँद पर शायरी

खूबसूरत गज़ल जैसा है तेरा चाँद सा चेहरा,
निगाहे शेर पढ़ती हैं तो लब इरशाद करते है !
पत्थर की दुनिया जज़्बात नहीं समझती
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती !
कितना हसीन चाँद सा चेहरा है,
उसपे शबाब का रंग गहरा है,
खुदा को यकीन न था वफ़ा पे,
तभी चाँद पे तारों का पहरा है !

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तुम सुबह का चाँद बन जाओ,
मैं सांझ का सूरज हो जाऊँ,
 मिलें हम-तुम यूँ भी कभी,
तुम मैं हो जाओ, मैं तुम हो जाऊँ !
एक अदा आपकी दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,
चेहरा आपका चाँद सा और एक…
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की !
तुम आ गये हो तो फिर चाँदनी सी बातें हों,
ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है !
कल चौदहवी की रात थी रात भर रहा चर्चा तेरा,
कुछ ने कहा ये चाँद है,
कुछ ने कहा चेहरा तेरा !
ढूँढता हूँ मैं जब अपनी ही खामोशी को
मुझे कुछ काम नहीं दुनिया की बातों से
आसमाँ दे न सका चाँद अपने दामन का
माँगती रह गई धरती कई रातों से

चाँद की खूबसूरती शायरी

चाँद पर शायरी - Chand Shayari in Hindi - मून शायरी

मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा हैं,
वो तारों में तन्हा हैं और मैं हजारों में तन्हा !
पूछो इस चाँद से कैसे सिसकते थे हम,
उन तन्हा रातों में तकिये से लिपटकर रोते थे हम,
तूने तो देखा नही छोड़ने के बाद,
दिल का हर एक राज़ चाँद से कहते थे हम !
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा !
तुम आ गये हो तो फिर चाँदनी सी बातें हों,
ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है !
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा,
तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं !
दिन में चैन नहीं ना होश है रात में,
 खो गया है !
चाँद भी देखो बादल के आगोश में !
कितना भी कर ले, चाँद से इश्क़,
 रात के मुक़द्दर मे,
अँधियारे ही लिखे हैं !

Chand Par Shayari in Hindi

चाँद पर शायरी - Chand Shayari in Hindi - मून शायरी

तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ !
रुसवाई का डर है या अंधेरों से मुहब्बत खुदा जाने,
अब मैं चाँद को अपने आँगन में उतरने नहीं देता !
कितना हसीन चाँद सा चेहरा है
उसपे शबाब का रंग गहरा है
खुदा को यकीन न था वफ़ा पे
तभी चाँद पे तारों का पहरा है !
उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पर चाँद पूरा था…
मगर आधा लगा !
खूबसूरत गज़ल जैसा है तेरा चाँद सा चेहरा,
 निगाहे शेर पढ़ती हैं
तो लब इरशाद करते है !
ना चाँद चाहिए ना
फलक चाहिए,
मुझे बस तेरी एक झलक चाहिए !
बेचैन इस क़दर था कि सोया न
रात भर
पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर !
चाँद में नज़र कैसे आए तेरी
सूरत मुझको,
आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया !

रात की शायरी इन हिंदी

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चाँद पर शायरी - Chand Shayari in Hindi - मून शायरी

ना जाने किस रैन बसेरो की तलाश है इस चाँद को,
रात भर बिना कम्बल भटकता रहता है इन सर्द रातो में !
पूछो इस चाँद से कैसे सिसकते थे हम,
उन तन्हा रातों में तकिये से लिपटकर रोते थे हम,
तूने तो देखा नही छोड़ने के बाद,
दिल का हर एक राज़ चाँद से कहते थे हम !
मेरा और चाँद का मुक़द्दर
एक जैसा है,
वो तारो में अकेला मैं हजारो में अकेला !
ना जाने किस रैन बसेरो की तलाश है
इस चाँद को,
 रात भर बिना कम्बल भटकता रहता है इन सर्द रातो में !
चाँद मत मांग मेरे चाँद जमीं पर रहकर,
खुद को पहचान मेरी जान खुदी में रहकर !
रात में एक टूटता तारा देखा बिलकुल
मेरे जैसा था,
चाँद को कोई फ़र्क नही पड़ा बिल्कुल तेरे जैसा था !
इक अदा आपकी दिल चुराने की
इक अदा आपकी दिल में बस जाने की
चेहरा आपका चाँद सा और एक
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की !

चाँदनी रात की शायरी

चाँद पर शायरी - Chand Shayari in Hindi - मून शायरी

आप कुछ यूँ मेरे आइना -ए-दिल में आए,
 जिस तरह चाँद उतर आया हो पैमाने में 1
हमारे हाथों में इक शक्ल चाँद
जैसी थी ,
तुम्हे ये कैसे बतायें वो रात कैसी थी !
चाँद भी हैरान… दरिया भी परेशानी में है,
अक्स किस का है ये इतनी रौशनी पानी में है !
मोहब्बत भी चाँद की तरह दिखता हैं,
जब पूरा होता हैं तो फिर घटने लगता हैं !
ऐ चाँद मुझे बता तू मेरा क्या लगता है
क्यों मेरे साथ सारी रात जागा करता है
मैं तो बन बैठा हूँ दीवाना उनके प्यार में
क्या तू भी किसी से बेपनाह मोहब्बत करता है !
चाँद तारो की कसम खाता हूँ,
मैं बहारों की कसम खाता हूँ,
कोई आप जैसा नज़र नहीं आया,
मैं नजारों की कसम खाता हूँ !
क्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशान,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है !
चार दिन की चाँदनी शाम के साथ ढल गई,
क्या लेकर आया था इंसान,
शरीर के साथ जल गई !
एक ये दिन हैं जब चाँद को देखे,
मुद्दत बीती जाती है,
एक वो दिन थे जब चाँद खुद,
हमारी छत पे आया करता था !

2 Line Chaand  Shayari in Hindi

वो थका हुआ मेरी बाहों में ज़रा सो गया था तो क्या हुआ,
अभी मैं ने देखा है चाँद भी किसी शाख़-ए-गुल पे झुका हुआ !
चाँद तारो की कसम खाता हूँ
मैं बहारों की कसम खाता हूँ
कोई आप जैसा नज़र नहीं आया
मैं नजारों की कसम खाता हूँ !
क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है !
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा !
तुम कहो तो चाँद तोड़कर रख दू
हथेली पर,
दिल करें तो आओ कभी हवेली पर !
हमारे हाथों में इक शक्ल
चाँद जैसी थी ,
 तुम्हे ये कैसे बतायें वो रात कैसी थी !
ये दिल न जाने क्या कर बैठा
मुझसे बिना पूछे ही फैसला कर बैठा
इस ज़मीन पर टूटा सितारा भी नहीं गिरता
और ये पागल चाँद से मोहब्बत कर बैठा !
चलो चाँद का किरदार अपना लें
हम दोस्तो,
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें !
 मोहब्बत थी तो चाँद अच्छा था,
 उतर गई तो दाग भी दिखने लगे !
रात गुमसुम हैं मगर चाँद ख़ामोश नहीं,
कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,
ऐसे डूबा तेरी आँखों की गहराई में आज
हाथ में जाम हैं, मगर पीने का होश नहीं !
कितना भी कर ले, चाँद से इश्क़,
रात के मुक़द्दर मे,
अँधियारे ही लिखे हैं  !
बुझ गये ग़म की हवा से, प्यार के जलते चराग,
बेवफ़ाई चाँद ने की,
पड़ गया इसमें भी दाग
 कुछ तुम कोरे कोरे से,
कुछ हम सादे सादे से
 एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से

चंदा की शायरी

रातों में टूटी छतों से टपकता है चाँद,
बारिशों सी हरकतें भी करता है चाँद !
रात भर तेरी तारीफ़ करता रहा चाँद से,
 चाँद इतना जला,
कि सूरज हो गया !
चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है,
उसे कहाँ खबर कोई चकोर
प्यासा रह जाता है !
ऐ सनम जिसने तुझे चाँद सी सूरत दी है,
उस ही मालिक ने मुझे भी तो मोहब्बत दी है !

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